गाय के घी को अमृत कहा गया है, यह अमृत युवावस्था को कायम रखते हुए वृद्धावस्था को दूर रखता है, गाय के घी से बेहतर कोई दूसरी चीज इस संपूर्ण पृथ्वी पर नहीं है।
संपूर्ण जगत में विचरण करने वाले प्राणियों में गाय को भारत वर्ष में मां का दर्जा दिया गया है, इसी कारण हिन्दु धर्म में गाय को देवता समान पूजनीय माना जाता है, धर्म शास्त्रों के अनुसार गाय ही एक ऐसा पशु है, जिसमें सभी देवी-देवता वास करते है। माना जाता है कि जिन लोगों के माता-पिता स्वर्ग सिधार गए हों, ऐसे लोग यदि गऊ माता की सेवा करते है, तो उन्हें माता-पिता की सेवा का पुण्य मिलता है ।
गऊ द्वारा विसर्जित गोबर व मूत्र के साथ ही गऊ के दूध को पृथ्वी पर अमृत का दर्जा प्राप्त है, गऊ के दूध में व्यक्ति को स्वस्थ रखने से लेकर हर तरह की बीमारी का हरण करने के अनमोल गुण व्याप्त है, गऊ के दूध से बने घी की तो बात ही न्यारी है, हमारे ऋषि-मुनि, आयुर्वेदाचार्यो ने गाय के घी का इतना गुणगान किया है कि इससे हमारे शास्त्र भरे पड़े है, विदेशी डॉक्टरों ने भी गाय के घी की महत्ता को पूरी तरह से स्वीकार किया है।
सभी रोगों की एक ही दवा –
1) गाय के घी से बल और वीर्य बढ़ता है और शारीरिक व मानसिक ताकत में भी इजाफा होता है।
2) दो बूंद देसी गाय का घी नाक में सुबह-शाम डालने से माइग्रेन दर्द ठीक होता है ।
3) सिरदर्द होने पर शरीर में गर्मी लगती हो, तो गाय के घी की पैरों के तलवे पर मालिश करें, सिर दर्द ठीक हो जाता है।
4) नाक में घी डालने से नाक की खुश्की दूर होती है और दिमाग तरोताजा हो जाता है ।
5) गाय के घी को नाक में डालने से मानसिक शांति मिलती है, याददाश्त तेज होती है।
6) हाथ पांव में जलन होने पर गाय के घी को तलवों में मालिश करें, जलन ठीक होती है ।
7) 20-25 ग्राम घी व मिश्री खिलाने से शराब, भांग व गांजे का नशा कम हो जाता है। फफोलों पर गाय का देसी घी लगाने से आराम मिलता है।
8) गाय के घी की छाती पर मालिश करने से बच्चों के बलगम को बाहर निकालने में सहायक होता है।
9) सांप के काटने पर 100-150 ग्राम घी पिलाएं, ऊपर जितना गुनगुना पानी पिला सके पिलाएं जिससे उल्टी और दस्त तो लगेंगें ही, सांप का विष कम हो जाएगा ।
10) अगर अधिक कमजोरी लगे, तो एक गिलास दूध में एक चम्मच गाय का घी और मिश्री डालकर पी लें।
11) गाय के घी का नियमित सेवन करने से एसिडिटी व कब्ज की शिकायत कम जाती है।
12) जिस व्यक्ति को हार्ट अटैक की तकलीफ है, और चिकनाई खाने की मनाही है तो गाय का घी खाएं, हृदय मजबूत होता है।
13) देसी गाय के घी में कैंसर से लड़ने की क्षमता होती है, इसके सेवन से स्तन तथा आंत के खतरनाक कैंसर से बचा जा सकता है।
14) गाय का घी नाक में डालने से लकवा रोग का भी उपचार होता है।
15) गाय का घी नाक में डालने से बाल झड़ना समाप्त होकर नये बाल भी आने लगते है ।
16) गाय का घी नाक में डालने से कान का पर्दा बिना ऑपरेशन के ठीक हो जाता है।
17) गाय का घी नाक में डालने से एलर्जी खत्म हो जाती है।
गाय के घी के सेवन से कोलेस्ट्रॉल नहीं बढ़ता है, वजन संतुलित होता है यानि कि कमजोर व्यक्ति का वजन बढ़ता है, मोटे व्यक्ति का मोटापा (वजन) कम होता है परंतु मात्रा का ध्यान अवश्य रखें, साथ में तेल वगैरह का सेवन न करें। स्वस्थ व्यक्ति भी हर रोज नियमित रूप से सोने से पहले दोनों नासिकाओं में हल्का गर्म (गुनगुना) देसी गाय का घी डाले तो गहरी नींद आएंगी, खर्राटे बंद होंगे और कई बीमारियों से छुटकारा मिलेगा।
डॉ. जी.एम. ममतानी
एम.डी. (आयुर्वेद पंचकर्म विशेषज्ञ)
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