How to diagnose Covid?

कैसे करे कोरोना की जांच?
सर्दी, खाँसी,बुखार के मरीजों को जब कोरोना की जाँच करने के लिये कहा जाता तो वे सीरियसली नहीं लेते। रोगी की Rapid Antigen Test negative आने से वे ये सोचते कि उन्हें कुछ नहीं है,परंतु ICMR की गाइडलाईन के अनुसार उन्हें RT PCR टेस्ट कराना चाहिये। सोचिये यदि वह बाद में RT PCR टेस्ट में पाज़िटिव आता है और अपना इलाज कराकर समय पर अपने इर्दगिर्द सबकी कोरोना से रक्षा करता है, परंतु नहीं कराकर कई लोगों को कोरोना फैलाता है। पढ़े लिखे लोग भी अफवाहों को मानकर टेस्ट नहीं करा रहे हैं,यह समाज की बड़ी विडंबना है।
कोरोना के निदान के लिए 4 तरह के टेस्ट किए जाते हैं-
1• आरटी पीसीआर
2
ट्रू-नेट
3
रैपिड एंटीजन
4
एंटीबाॅडी टेस्ट
1 आरटीपीसीआर टेस्ट (Realtime Polymerase chain Reaction): यह टेस्ट सिर्फ लैब में ही होता है।
इसमें एक ट्यूब की मदद से गले और नाक से स्वाब लेते है। 10 सेकंड में प्रक्रिया पूरी हो जाती है। इसके बाद राइबोन्यूक्लिक एसिड एक्सट्रैक्शन मशीन के जरिए स्वाब से आरएनए निकालकर टेस्ट किया जाता है। आरटी-पीसीआर मशीन में आरएनए व रीएजेंट्स डाले जाते है। डेढ़ घंटे में पता चलता है कि आरएनए में वायरस है या नहीं।
यह रिपोर्ट आने में 12 से 16 घंटे का समय लगता है। यह टेस्ट गोल्डन स्टैंडर्ड का है। इसकी विश्वसनीयता 75-80% है।
2 ट्रू-नैेट या सीबी-नैट टैस्टः- यह चिप बेस्ड आरटी-पीसीआर किट है। इससे आम तौर पर टी. बी. और एचआईवी की जांच होती थी। इसमें नाक या गले से स्वाब (Swab)लेते है। न्यूक्लिक एम्प्लीफाइड टेस्ट से कोरोना ई-जीन जांचते है। टेस्ट पाॅजिटिव हो तो आरटी-पीसीआर टेस्ट होगा।
यह रिपोर्ट आने में 2-3 घंटे का समय लगता है यह जांच 60से 70% मरीजों में संक्रमण की संभावना बताता है।
3 रैपिड एंटीजन टेस्ट (RAT): किसी क्षेत्र में पाॅजिटिव केस आने पर वहां इसका फेलाव देखने के लिए इसका इस्तेमाल होता है। यह ब्लड या स्वाब सैंपल से टेस्ट होता है। स्वाब नाक से लिया जाता है। सैंपल को किट में मौजूद केमिकल में डुबाते हैं। फिर लिक्विड के टेस्ट से वायरस की उपस्थिति जांचते हैं।
यह रिपोर्ट आने में 20से 30 मिनट लगता है। यह 30-40% मामलों में संक्रमण नहीं पकड़ पाता। टेस्ट निगेटिव हो मगर लक्षण दिखे तो आरटी-पीसीआर टेस्ट करना जरूरी है।
4 रैपिड एंटीबाॅडी टेस्टः यह कोरोना टेस्ट नहीं है। सिर्फ यह जांच करता है कि वायरस से लड़ने का एंटीबाॅडी शरीर में है या नहीं। इसमें ब्लड सैंपल के द्वारा एंटीबाॅडी जांचते हैं। कोरोना में आईजीएम एंटीबाॅडी ( IgM) संक्रमण के दौरान बनता है। आईजीजी(IgG)एंटीबाॅडी ठीक होने के बाद।
यह रिपोर्ट आने में 15-20 मिनट का समय लगता है।इस टेस्ट का इस्तेमाल आबादी में संक्रमण का स्तर देखने के लिए होता है। संक्रमण बहुत हल्का हो तो नतीजे गलत हो सकते है।
अतः डाॅक्टर के परामर्शानुसार कोरोना की जांच अवश्य करांए। आज कई रूग्ण कोरोना की जांच करने से कतराते हैं क्योंकि उन्हें क्वारांटाइन होने या व्यवसाय बंद होने का डर रहता है। समय रहते जांच कर हम अपने स्वास्थ्य के साथ-साथ परिवार व समाज का स्वास्थ्य भी बरकरार रख सकते हैै।
घर-घर में आयुर्वेद – कृपया यह जानकारी सभी लोगों तक पहुंचाए।
डाॅ. गुरमुख ममतानी
नेशनल चेअरमेन आयुष,आयुर्वेद,(VSSS)
संचालकः- जीकुमार आरोग्यधाम नागपुर
www.mamtaniayurveda.com
PH:(0712) 2645600,2646600,2634415









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