Mental Diseases and Ayurveda
आयुर्वेद में आचार्यों ने स्वस्थ व्यक्ति की परिभाषा सुंदर व सटीक रूप से की है-
‘समदोषः समाग्निश्च समधातु मल क्रियः प्रसन्नात्मेंद्रिय मनः स्वस्थ इत्यभिधीयते”
अर्थात जिसके दोष, धातु व मलक्रिया सम होने के साथ-साथ आत्मा, इन्द्रिय व मन प्रसन्न है वही स्वस्थ व्यक्ति के अंतर्गत आता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी देर से ही सही इस तथ्य को स्वीकार कर अब स्वास्थ्य की परिभाषा इस तरह की है-