फंगल इन्फेक्शन

फन्गस एक प्रकार का प्लान्ट जैसा आरगेनिज़म है जिसमें क्लोरोफिल नहीं रहता। वह अपना भोजन स्वयं नहीं बना सकता। अतः वह त्वचा व सॉफ्ट टिशू के पोषक तत्वों पर ही निर्भर रहता है, अतः वे पैरासाइट होते हैं। त्वचा में फंगल इंफेक्शन (Skin Fungal Infection) कई तरह के फफूंदे (Fungi) की वजह से होता है, जिनमें डर्मेटोफाइट्स, कैन्डिडा और…

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सफेद दाग से विचलित न हो

सफेद दाग एक विचलित कर देनेवाला विकार है, पर हर एक सफेद दाग एक सा नहीं होता । सफेद दाग से ग्रसित व्यक्ति हीन भावना का शिकार हो जाता है क्योंकि समाज के लोग उसे कुष्ठ रोग समझकर उसकी उपेक्षा करने लगते है। जबकि कुष्ठ रोग से इसका कोई सम्बन्ध नही है। कुष्ठ रोग में त्वचा से लेकर धातुओं…

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मधुमेह में नपुंसकता

मधुमेह में नपुंसकता

मधुमेह (डायबिटीज) से ग्रस्त रुग्ण में सेक्स निश्चित रूप से प्रभावित होता है। यदि मधुमेह के रुग्ण में रक्त शर्करा नियंत्रण में नहीं हो रही है, तो इसका दुष्प्रभाव अन्य अंगों के साथ जननांगों पर भी पड़ता है। अतः मधुमेह पीड़ित रुग्णों में यह दुष्प्रभाव दिखने पर सबसे पहले रक्त शर्करा की मात्रा को सामान्य करने पर विशेष ध्यान…

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Fatty Liver

यदि कोई रोगी दर्द से परेशान व विचलित हैं तो वह तुरंत चिकित्सा हेतु डॉक्टर के पास जाता है। लेकिन फैटी लिवर ऐसा रोग है जिसके शुरूवात में कोई लक्षण नहीं होते, दिखने में रोगी पूर्णतः स्वस्थ लगता है। खान-पान, रहन-सहन सब कुछ नार्मल होता है। इतना ही नहीं इस रोग का निदान होने पर भी लोग इसे हल्के…

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Irretibale Bowel Syndrome (ग्रहणी रोग)

Irretibale Bowel Syndrome

आयुर्वेद में 13 प्रकार के अधारणीय वेगों का वर्णन है शास्त्रानुसार मल के वेग को नियमित रुप से त्याग करना निरोगी शरीर के लिए हितकारी है क्यों कि नियमित मल त्याग होने से मन शांत रहता है। दिन भर सक्रियता, स्फूर्ति, रहती है, कार्य में मन लगता है, एकाग्रता रहती है। पेट में गड़बड़ी, मरोड़, कब्ज, गैस बनना, अपच…

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मोटापे से परेशानी

शरीर में अतिरिक्त चर्बी बढ़ने का प्रमुख कारण रक्त्त में कोलेस्ट्रोल की मात्र में वृद्धि हो जाना है। मोटापे के कारण हमें सामान्य कार्य करने में तो परेशानी होती ही है, कई बीमारियों की भी आशंका बनी रहती है। खान पान में मनमानी और अनियमितता से भी शरीर स्थूल हो जाता है। इसलिए जरूरी हो जाता है कि हम…

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महिलाओं की आम समस्या थायराइड विकार (Thyroid disorder in female)

थाइराइड ग्रंथि के हार्मोन के असंतुलित स्राव से शरीर की समस्त भीतरी कार्यप्रणालियां अव्यवस्थित हो जाती हैं। इसे साइलेंट किलर भी कहा जाता है, जो कि वंशानुगत भी हो सकती है। थाइराइड ग्रंथि के ठीक से काम न करने पर यह कई रोगों का कारण बन जाती है। भारत में 4 करोड़ से अधिक थाइराइड के मरीज हैं, इनमें…

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मिर्गी समुचित उपचार से मुक्ति

प्राचीन काल से मिर्गी का अस्तित्व माना गया है। किन्तु उस काल में मिर्गी के कारणों का ज्ञान नहीं था। इसलिए उसे भूतबाधा या ईश्वर की अकृपा माना जाता था। पर आज वह बात नहीं है। कई अनुसंधान हुए हैं और विज्ञान के नित नए आविष्कारों ने आज मनुष्य की अनेक गलतफहमियों को दूर किया है। आज मिर्गी का…

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Diabetes – Ayurvedic and Panchkarma Treatment

आधुनिक समय में मनुष्य के रहन-सहन व आहार-विहार में जिस तीव्र गति से परिवर्तन हुआ हैं, उससे भारतीय संस्कृति धीरे-धीरे स्वयं की पहचान खोती जा रही है। फास्ट फूड, अति गरिष्ठ भोजन, अति मिष्ठान्न का सेवन, मद्यपान व रासायनिक पेय पदार्थो का प्रचलन तथा व्यभिचार तीव्र गति से बढ़ रहा है। उद्योगों की बढ़ती संख्या, दुपहिया व चौपहिया वाहनों…

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Brain Haemorrhage – Ayurvedic Treatment

आधुनिक प्रतियोगिता के युग ने मनुष्य को मशीनवत बना दिया है, निरंतर काम ही काम, बस आगे बढ़ने की होड़ ! इस अनवरत भाग दौड़ से मनुष्य सदैव तनावग्रस्त रहता है। दिमाग में हमेशा तनाव रहना अर्थात उसका कुछ न कुछ परिणाम शरीर पर होता है, यह तनाव की स्थिति अनेक कष्टों को उत्पन्न कर सकती है। इसी तनाव…

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